* बुद्धिमान ब्यक्ति दक्ष होता है लेकिन फिर भी परेशान रहता है- स्वामी जी
* कल सुधारना है तो आज की संध्या सुधारे : स्वामी जी
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हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉक्टर उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची के हरमू मैदान में श्री राम कथा का यह आयोजन किया जा रहा है। व्यास पीठ पर पवित्र ग्रंथ श्री रामायण का पूजन, वंदन, माल्यार्पण मुख्य यजमान राकेश भास्कर , सपत्नी ने किया। ब्यास पीठ पर विराजमान स्वामी जी को चंदन ,वंदन ,माल्यार्पण और आरती के बाद महाराज जी कथा अमृत वर्षा का लाभ देते हुए महाराज श्री ने कथा प्रारंभ की। उन्होंने हनुमान जी का ध्यान करते हुए मंगल भवन अमंगलहारी भजन प्रस्तुति के साथ कथा प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा तुलशी दास कहते है जिस दिन भगवान का जन्म हुआ सभी तीरथ अयोध्या चले गए। साधुत्व की रक्षा के लिए, धर्म के स्थापन ,अधर्म का नाश करने के लिए , असुरो के विनाश के लिए भगवान का अवतार हुआ है। अगर पवित्र ह्रदय से हम भगवान का नाम जपे, ध्यान करे तो समझे हमारा कल्याण होना है।जो श्रष्टि के कण कण में ब्याप्त है वो किस तरह किस रूप में कोई भी अवतार के रूप में कैसे आ जाते है। भगवान की कथा श्रवण पर उन्होंने कहा जिसके अंदर आत्मिक भावना ना हो उनके पास भागवत कथा का वर्णन ना करे अगर वो प्रसंग नही समझेंगे तो उसका उपहास उड़ायेंगे। क्योकि कई लोग श्रद्धा से कथा सुनने जाते है और कई लोग परीक्षण के लिए जाते है। साधुओ पर देश मे हो रहे अत्याचार , प्रहार पर भी उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ पूरे देश मे धर्म का जागरण हो रहा है क्योंकि लोगो की चेतना जग रही है। लेकिन दूसरी ओर साधुओ की पिटायी हो रही है।एक समय था जब साधुओ के शरण मे लोग रहते थे। अगस्त मुनि व महादेव के पूजन सहित भगवान शिव के आनंद अनुभूति के प्रसंग पर चर्चा की। डर और भय के कारण झुठ का ब्यापार चल रहा, क्योकि पानी भी दूध में मिला दिया जाय तो पानी भी दूध के भाव बिकता है। उन्होंने कहा आत्मा अमर है अगला जन्म आपके अनुसार ही हो ऐसा संभव नही शरीर कितना भी बदले पाप और पुण्य का फल इस जन्म में ओर अगले जन्म तक रहता है क्योंकि पुनर्जन्म को हम सत्य मानते है। आपको अपना कल सुधारना है तो आज की संध्या सुधारे। अगला जन्म आपके अनुसार ही हो ऐसा संभव नही क्योकि अंतिम समय मे जो जैसी इक्छा होती है वैसा ही जन्म होता है। तारका सुर की चर्चा की
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इसके पूर्व मंच पर आज के यजमान व उनके परिवार के द्वारा व्यास जी की आरती की गई । इस अवसर पर अध्यक्ष राकेश भास्कर, सांसद समीर उरांव ,राज किशोर सिंह, वीरेंद्र सिंह, अजय सिंह, सुरेश सिंह ,प्रमोद सारस्वत, धर्मेंद्र तिवारी, श्याम झा ,अरुण सिंह ,प्रेम मित्तल ,स्वामी बिमलेश सिंह ने गुरु जी को माल्यार्पण कर स्वागत ,अभिनंदन किया। यजमान राकेश भास्कर व सपत्नी के द्वारा सायं आरती की गई। आज के प्रसाद का भोग राम कुमार सिंह के द्वारा लगाया गया। कथा स्थल पर लोगो के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। मुख्य रूप से इंद्रजीत यादव, गोपाल सोनी,रामचंद्र जायसवाल, राजीव चौधरी,पुनीत, नीरज शुक्ला, बिपिन सिंह, सहित कई लोगो ने अपनी सेवा दी। हजारो की संख्या में लोगों ने कथा का श्रवण किया पूरा पंडाल आज श्रोताओ से भरा था। बुजुर्गों व महिलाओं के लिए कुर्सियों की ब्यवस्था थी।