प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय चौधरीबगान हरमू रोड तथा राजयोग प्रशिक्षण एवं
अन्संधान संस्थान के मीडिया प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत
की कैनोपी थीम पर समाधान परक मीडिया के लिए आध्यात्मिकता एक चाबी विषय पर सम्मेलन
सम्पन्न हुआ। संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करने के पश्चात् दिवाकर
कुमार, समाचार सम्पादक रॉची दूरदर्शन ने कहा समाज की उन्नति का काम एक अकेला पत्रकार नहीं
कर सकता इसके लिए पूरे समाज में आज परिवर्तन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यह सत्य
है कि आज हमारी जीवन शैली बदली है। जिस तरह से लोगों का सोच बदला है तो अध्यात्म का पक्ष
निश्चित रूप से अपने जीवन में लोगों को उतारना चाहिए।
प्रभात खबर के वरीय समाचार संपादक साकेत पुरी ने कहा मीडिया की भूमिका यथार्थ सूचना
प्रदायक एजेंसी के रूप में होनी चाहिए। मीडिया द्वारा संपूर्ण विश्व में होने वाली घटनाओं की जानकारी
मिलती है। इसलिए मीडिया का यह प्रयास होना चाहिए कि जानकारियां यथार्थ परक हों जो समाज
का मार्गदर्शन कर सके। मीडिया समाज का अनेक प्रकार से नेतृत्व करता है जिससे समाज की
विचारधारा प्रभावित होती है।
ब्रह्माकमारी संस्था माउन्ट आबू के राष्ट्रीय प्रवक्ता व मीडिया प्रभाग के राष्ट्रीय समन्वयक दिल्ली
से पधारे राजयोगी बी०के० सुशांत भाई जी (MJMC) ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि
अध्यात्मिकता के द्वारा जब हमारा मन का कनेक्शन परमात्मा से जुड जाता है तो इस संसार की जो
महाभारत लड़ाई है जो द्वन्द है उस पर हम आसानी से जीत पाते हैं। जो परमात्म शक्ति है वो हमारे
अन्दर प्रवाहित होने लगती है जिससे हम बिजी रहते भी ईजी रह सकते हैं। हर व्यक्ति के अन्दर
राजनीतिक सत्ता, आर्थिक सम्पदा की भूख मिटाने के लिए आन्तरिक सकारात्मक उर्जा अपने अंदर
प्रवाहित करनी होगी। राजयोग मेडिटेशन से नकारात्मक उजजा तिरोहित हो सकारात्मक ऊर्जा पल्लवित
हो जाती है। मीडिया को उत्कृष्ट बनाने के लिए मीडिया कर्मी को मूल्यपरक बनाना होगा। ईश्वरीय
विश्व विद्यालय यह सेवा पिछले 88 वर्षों से कर रहा है। दुःख की दुनिया बदलकर सतयुग की
पुर्नस्थापना प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से 1936 में प्रारंभ की गई।
चन्दन मिश्र पूर्व सहायक सम्पादक हिन्दुस्तान ने कहा कि हम पत्रकार अनेक मंचों पर जाते हैं
परंतु आज हमारे लिए ब्रह्माक्मारी संस्था ने एक मंच उपलब्ध कराया है। पत्रकारिता समाज के उत्थान
के लिए होती है। हमारी पत्रकारिता से यदि समाज का भला होता है तो यह हमारी पत्रकारिता और
समृद्ध भारत का समाधान है।