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राष्ट्रीय पुस्तक मेला :: दूसरा दिन : लोकगीत/देशभक्ति गीत गायन में बच्चों ने बांधा समां

रांची 30 दिसम्बर । स्थानीय के जिला स्कूल मैदान में समय इंडिया, नई दिल्ली के तत्वावधान में जारी 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला के दूसरे दिन परिसर में लेखकों और पुस्तक प्रेमियों की गहमा–गहमी रही । मेले में 80 से अधिक स्टॉल्स पर जहाँ विविध विषयों की असंख्य पुस्तकें पाठकों को अपनी ओर खींच रही हैं वहीं लेखन में रुचि रखने वाले युवा लेखकों के लिए अपनी पाण्डुलिपियाँ पुस्तक रूप में छपवाने का अनूठा अवसर भी उपलब्ध कराया गया है । ऐसे लेखक जिनकी अभी तक कोई पुस्तक प्रकाशित नहीं है वे राष्ट्रीय पुस्तक मेला में समय प्रकाशन के स्टॉल पर आकर 5000 रुपए में पुस्तकें छपवाने का लाभ उठा सकते हैं । योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी ले सकते हैं । यह सुविधा नवोदित और वरिष्ठ लेखकों की कृतियों को प्रकाश में लाने के लिए पुस्तक मेला परिसर में न्यास की ओर से खासतौर पर उपलब्ध कराई जा रही है । किताबों पर केन्द्रित यह पुस्तक मेला 7 जनवरी तक जारी रहेगा । यहाँ पुस्तक प्रेमी प्रतिदिन प्रात: 11 बजे से रात्रि 7:30 बजे तक पुस्तकों को उलट–पलट सकेंगे, अपनी पसंद की पुस्तकें चुन और खरीद सकेंगे। लोकगीत एवं देशभक्ति गीत गायन प्रतियोगिता सम्पन्न : पुस्तक मेला में जारी शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में शनिवार को बच्चों की लोकगीत एवं देशभक्ति गीत गायन प्रतियोगिता सम्पन्न हुई । इस प्रतियोगिता में बच्चों ने जहाँ बढ़–चढ़ कर हिस्सा लिया वहीं लोक धुनों पर आधारित गीत सुनाकर अद्भुत समां बांधी और श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन भी किया । बच्चों की गायन प्रतिभा को पुस्तक प्रेमियों ने सुना और सराहा । उन्हें शायद ही कभी इतनी किताबें एक साथ देखने को मिली हों । इस मौके का लाभ पुस्तक प्रेमियों ने भी उठाया। ओसवाल प्रिन्टिर्स एंड पब्लिशर्स का स्टॉल छात्रों के आकर्षण का केन्द्र : पुस्तक मेले में यह स्टॉल सी.बी.एस.ई. बोर्ड, आई.सी.एस.ई. बोर्ड के 10वीं– से 12वीं– तक के छात्रों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है । इस स्टॉल पर दोनों बोर्ड की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए विषयवार पुस्तकें उपलब्ध हैं । यदि कोई छात्र अलग–अलग विषय की पुस्तकों की जगह कम्बाइन्ड में पुस्तक खरीदना चाहता है तो वह भी खरीद सकता है । इसके अतिरिक्त संस्था की ओर से पिछले 10 वर्षों के सॉल्व पेपर भी पुस्तक रूप में उपलब्ध है । इससे बोर्ड की तैयारी करने वाले छात्रों को बोर्ड के प्रश्नों को समझने और उसके सटीक उत्तर देने की जानकारी मिलेगी । रांची और आस–पास के छात्रों को मेले में इस स्टॉल का लाभ जरूर उठाना चाहिए। झारखंड झरोखा स्टॉल : पुस्तक मेले में झारखंड झरोखा एक ऐसा स्टॉल है जहाँ पर झारखंड की सभी क्षेत्रीय भाषाओं संथाल तथा मुंडा का साहित्य पुस्तक प्रेमियों के लिए उपलब्ध है । यदि आप अपने राज्य की विविध भाषाओं के साहित्य की जानकारी चाहते हैं तो आपको इस स्टॉल का जायजा अवश्य लेना चाहिए। बाल साहित्य एवं क्रांतिकारी पुस्तकें पहली पसन्द : पुस्तक मेला में आने वाले पुस्तक प्रेमियों के लिए 80 से अधिक स्टॉल्स पर बच्चों की किताबों का अनोखा संसार उपलब्ध है । इसमें हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू भाषा की बाल पुस्तकें बच्चों को लुभा रही हैं और इनकी खूब बिक्री भी हो रही है । खूबसूरत आवरण और विविध रंगों में सजी पुस्तकें भावी पीढ़ी के हाथों में दिख रही हैं । प्रौढ़ और वरिष्ठ पीढ़ी के पुस्तक प्रेमी क्लासिक साहित्य और चर्चित लेखकों की पुस्तकें विविध स्टॉल्स से खरीद रहे हैं । क्रांतिकारी साहित्य की भी अच्छी–खासी मांग है । राजपाल एंड सन्स, आर्यन बुक सेलर, सस्ता साहित्य मंडल के स्टॉल पर भगत सिंह को फांसी 2–भाग, भगत सिंह और उनके साथियों के दस्तावेज, रामप्रसाद बिस्मिल को फांसी व महावीर सिंह का बलिदान, चन्द्रशेखर आजाद, बनारसी दास चतुर्वेदी द्वारा संपादित अमर शहीद अशफाक उल्ला खां, रेणु की नेपाली क्रांति कथा जैसी तमाम चर्चित कृतियाँ पाठकों को पसन्द आ रही हैं । समय प्रकाशन और यश प्रकाशन के स्टॉल पर ऐसी ही किताबों का संसार सजा है ।