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गेस्ट फैकल्टी को नाम बदल कर नीड बेस सहायक प्राध्यापक करने का होगा पूरजोर विरोध : डा.त्रिभुवन कुमार शाही

प्रधान सचिव के वक्तव्य का आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों ने किया विरोध। रांची आज दिनांक 13 जनवरी 2024 को नीड बेस सहायक प्राध्यापकों की एक बैठक हुई।बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा.त्रिभुवन कुमार शाही ने कहा की 12 जनवरी 2024 को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने विभाग की उपलब्धियों और कार्यक्रमों से पत्रकारों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों में घंटी आधारित शिक्षकों के पारिश्रमिक को बढ़ाकर 57,700 रुपये प्रति माह साथ ही यह भी व्यवस्था की गयी है कि यह राशि उन्हें पूरी मिले। यह स्वागत योग्य है पर गेस्ट फैकल्टी को नाम बदल कर नीड बेस सहायक प्राध्यापक करने की बात का पूरजोर विरोध किया गया।उन्हे पहले तो बहाली की प्रकृति को देखना चाहिए कि दोनों पदों के लिए बहाली कैसे ली गई है।बहुत से ऐसे अतिथि शिक्षक हैं जो 65 की उम्र के बाद पुनः गेस्ट में नियुक्त हुए हैं तब उनका सेवा निवृत्ति 123 वर्ष में होगी क्या।यदि दोनों पद को यदि मर्ज ही करना है तब 2008 में बहाल शिक्षकों के साथ क्यों नहीं कर देते। गेस्ट कब और किस पत्रांक तथा दिनांक के साथ बहाली हुए हैं उसे भी देख लेना चाहिए। घंटी आधारित सहायक प्राध्यापक की बहाली झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 04/वि01 135 /2016 के तहत किए गए प्रावधानों के द्वारा झारखंड सरकार के विभिन्न विभिन्न विश्वविधालय में यू.जी.सी. के मानदंड के अनुरूप हुई है।प्रधान सचिव को यह ध्यान रखना चाहिए कि दोनों पदों की प्रकृति अलग-अलग है।इस लिए गेस्ट के लिए अलग नीति निर्धारण करना चाहिए । यह सरकार की जिम्मेवारी है जो भी करे उनके हित के लिए करे,लेकिन हमलोग के साथ मर्ज करने की पहल न करें अन्यथा विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा विभाग में अनिश्चितकालीन तालाबंदी के साथ पुरजोर विरोध किया जाएगा।